


हम आपको बता दें कि इस बार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल अंतर्गत भ्रष्टाचार से तंग आकर रेलवे में फैले भ्रष्टाचार को कुचलने पांच अन्य यूनियन ने चुनाव लड़ने कमर कस मैदान में आकर अजमाईस करते देखे गये जिस बारे में कुछ रेल सूत्रों ने जानकारी देकर बताया की इससे पहले केवल दो युनीयन ही चुनाव लड़ा करते थे? जिसमे एक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर कांग्रेस यूनियन और दूसरा मेंस यूनियन उक्त दोनों यूनियन का ही रेलवे विभाग में बड़ा दबदबा रहता था जिस कारण चमचागिरी और चाटुकार ,चापलूसी करने वाले कामचोर तथाकथित कर्मचारियों को ही लाभ प्राप्त होता था जैसे-पद सरेंडर होने के बाद भी युनीयन के आड़ में वर्षों से एक ही जगह अजगर की तरह कुंडली मार बैठकर उक्त पद का मुफ्त में वेतन+ यात्रा भत्ता आहरण कर रेलवे को आर्थिक क्षति पहुचा मजे से हराम का माल गपा गप्प खा-खाकर अपनी तोंद बढ़ा तानाशाही कर ईमानदार कर्मचारियों पर जुल्म करा ऐशो आराम की जिंदगी बसर करते आ रहे और आज भी कर रहे है? इसके अतिरिक्त सेवा निर्रवित् होने के बावजूद भी यूनियन के बड़े-बड़े पदों पर राज करते आ रहे है उक्त भ्रष्टाचार का विरोध कर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले कई ईमानदार रेल कर्मचारियों को नौकरी से बाहर तक करवा दिया इतना ही नही कर्मचारियों की मांगों पर भी आडंगा कर सबसे ज्यादा चतुर्थ वर्ग के रेल कर्मचारी का शोषण कराया जाता रहा यानी भ्रष्टाचार चरम सीमा को पार कर गया था। उक्त फैले भ्रष्टाचार से तंग आकर भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने मौका मिलते ही पांच अंय युनीयनो ने अपनी-अपनी कमर कस मैदान में अजमाईस करते नजर आय जिसे देख भ्रष्टाचार फैलाने वाले यूनियन के पदाधिकारी के पसीने छुटते नजर आ रहे?उक्त माहौल को देखकर ऐशा प्रतीत होता है की किसी ने उनके पिछवाड़े में मानो बम फोड़ दिया हो। चुनाव का रिजल्ट आने के बाद पता पता चलेगा कौन कितने पानी में है?

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