यीशै दास संभाग प्रतिनिधि(सरगुजा)की खास रिपोर्ट







जब लगन हो कुछ कर गुजरने का तो रास्ते यूं बन जाते हैं।और हौंसले हो बुलंद तो मंजीले ढुंढना भी होता आसान है । उक्त मुहावरा श्री- नरोत्तम शर्मा जी पर स्टिक बैठता नजर आता है।जो मिडिया के प्रकाश में उभर कर सामने आया है।जहां अब के इस नये दौर में युवा पीढ़ी गीत -संगीत और कला से दूर होती चली जा रही ।तथा अब के बनाए हुए नये – नये गानों पर ही उनका रूचि होता है।ऐसे में श्री शर्मा जी द्वारा निरंतर पुराने गीतों को इस नये युग में शामिल करने और उक्त कला को आगे बढ़ाने हेतु अथक प्रयास करते हुए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारत के ख्याति प्राप्त स्व.किशोर कुमार जी के यादों को संजोए हुए एवं बरकाकर रखने उनके पुण्य तिथि पर एक गीत-संगीत कार्यक्रम आयोजन किया गया । उक्त दौरान नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए। तथा संगीत माध्यम अपनी कला को भी प्रदर्शित किया गया। उक्त कार्यक्रम का आयोजन कराने वाले कोई और नहीं बल्कि मनेंद्रगढ़ शहर के प्रचलित शर्मा- फर्नीचर के संचालक – श्री नरोत्तम शर्मा एवं उनके छोटे भाई श्री गौतम शर्मा जी ही है ।
उक्त संबंध में -श्री सी.एम .तिवारी जी ने मिडिया को जानकारी देते हुए बताया कि-भारतीय फिल्म उद्योग के बहुत बड़े कलाकार स्व.किशोर कुमार के 38 वी . पुण्य तिथि के अवसर पर मनेंद्रगढ़ शहर के सफल व्यवसाई और सिंगर कलाकार नरोत्तम शर्मा जी के निवास स्थल मौहारपारा वार्ड क्र04 में किशोर जी के पुण्य तिथि पर श्रद्धा -सुमन अर्पित करने उद्देश्य से गीत-संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें मनेंद्रगढ़ शहर के विभिन्न कलाकारों ने अपने -अपने संगीत माध्यम गीत गाकर प्रस्तुत पेश किए जिस दौरान मुख्य रूप से उपस्थित श्री गौतम शर्मा,श्री शैलेश जैन ,श्री मोतीलाल यादव ,श्री मनोज सिंह,श्री मुकेश गुप्ता,श्री जहीर खान,श्री छोटू पहलवान , श्री भुपेंद्र केवट ,श्रीमती हेमा द्वारा अपने – अपने कला का बेहतर प्रदर्शन करते हुए संगीत कार्यक्रम में भाग लिया गया
आगे उक्त कड़ी में श्री तिवारी ने यह भी बताया कि – उक्त कार्यक्रम फिल्म उद्योग के जो फिल्म कलाकार है।चाहे फिर वह रफी साहब हो ,मुकेश हो या फिर लता मंगेशकर, सभी की पुण्यतिथि पर विशेष रूप से आयोजित किया गया था।जो नरोत्तम शर्मा जी के विशेष योगदान से संपन्न होता है ।जिसका साफ -उद्देश्य और संदेश यही है ।कि- उनके यादों को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए ऐसे ही कार्यक्रम संचालित कराए जाते हैं।जहां पर मनेंद्रगढ़ के हर प्रतिभा को वह आमंत्रित करते हैं।और वो आते हैं।और अपने इच्छा अनुरूप संगीत माध्यम से उस संबंधित कलाकार को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
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