यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट
हम आपको बता दें कि आजाद सेवा संघ के द्वारा आज दिनांक 19/9/22 को कलेक्ट्रेट पहुंच एक ज्ञापन प्रेषित किया गया है उक्त ज्ञापन में उल्लेखित किया गया है कि ज्ञात हो कि मनेंद्रगढ़ के शाशकिय विवेकानंद माहाविधालय में शैक्षणिक समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।जो इस प्रकार से है 1- आज लगभग 5 वर्ष से हमारा माहाविधालय एक स्थाई प्राचार्य की राह देख रहा है डा. ज्योति पांडे (मैडम ) के महाविद्यालय से 31/12/2017 के जाने के बाद मात्र प्रभारी प्राचार्य की ही नियुक्ति हुई है जिससे कि शैक्षणिक गतिविधियां पूर्ण रूप से संचालित नहीं हो पा रही है और अनेक कार्यों में विराम लगा हुआ है ।2 स्थाई ग्रंथपाल की नियुक्ति होने के बावजूद भी हमें लाइब्रेरी में प्रतिदिन समाचार पत्र और सप्ताहिक पत्रिकाएं साथ ही विषयगत पुस्तकें नहीं मिल पा रही है। जिसका कारण प्राचार्य की अनदेखी है साथ ही इन्होंने ग्रंथालय में ऐसे व्यक्तियों को प्रभार दें रखा है।जिनका उस विभाग से कोई लेना देना ही नहीं है कई लाखों की पुस्तकें होने के बावजूद भी अभी तक ग्रंथपाल को इसकी पुर्ण रूप से जानकारी नहीं दी गई है। जो कि महाविद्यालय के प्राचार्य की लापरवाही को दर्शाता है और जब विधार्थी पुस्तकें लेने जाते है तो उन्हें आउटडेटेड कोर्सेज की किताब से सन्तुष्ट होना पड़ता हैं साथ ही ग्रंथपाल महोदय को स्वतंत्र रूप से ग्रंथालय का प्रभार नहीं दिया गया है जिस कारण वह हम छात्रों की मदद नहीं कर पाते हैं।3-माहाविधालय में कक्षाओं की साफ सफाई हेतु स्वीपर के पद पर पदस्थ और एक पैर से असक्षम प्रदीप मलिक जी पर ही पुरा भार है जबकि यहां पर पद न होते हुए भी रायगढ़ के महाविद्यालय के पदस्थ व्यक्ति को यहां पर अटैच किया गया है और उन्हें लायब्रेरी का प्रभार दिया गया है जबकि उनका पद फर्रास है और जिसके बारे में कहने पर किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा नहीं दी जाती है हमारी मांग है कि उस व्यक्ति को उसके पदभार के अनुरूप कार्य दिया जाए अथवा रायगढ़ वापस भेज दिया जाये। 4-हमारे महाविद्यालय में निरंतर बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश होता है और ऐसे व्यक्तियों को प्रवेश देने वाले महाविद्यालय के ही विद्यार्थियों पर प्राचार्य द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती सिर्फ कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करके हमें गोलमोल जवाब देकर के भेज दिया जाता है।जबकि महाविद्यालय की मुखिया होने के नाते इस पर उन्हें त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।5- स्थाई प्राचार्य न होने के कारण प्रभारी प्राचार्य के द्वारा अपने कार्यों को प्रध्यापकों को अग्रेषित करने और काम का दबाव होने से इसका असर हमारी पढ़ाई और हमारे प्रध्यापकों पर साफ देखा जा सकता है । जिसका परिणाम यह है कि हमारे महाविद्यालय के लगभग 3 से 4 प्रध्यापकों ने अपने स्थानतरण हेतु आवेदन कर दिया गया है और अगर वह महाविद्यालय से चले गए तो महाविद्यालय की स्थिति अंधकारमय हो जायेंगी
उक्त समस्त बिंदुओं पर मान . कलेक्टर एमसीबी द्वारा उक्त समस्त छात्र -छात्राओं की समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुना गया तथा आश्वासन दिया गया है कि हम आपकी मांगों को शाशन तक पहुंचायेगे एवं हरसंभव मदद करने को भी कहा गया है।
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