यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट
बरसात के मौसम में बढ़ जाती हैं सर्पदंश की घटनाएं
सर्पदंश की स्थिति में झाड़-फूंक या बैगा-गुनिया के चक्कर में न पड़ें, बिना देर किए अस्पताल जाएं, कलेक्टर श्री दुग्गा ने लोगों से की अपील
पाठकों को बताना चाहेंगे कि बारिश का मौसम आते ही जहरीले सांप, बिच्छू व कीड़े-मकोडों के काटने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश की स्थिति में झाड़-फूंक या बैगा-गुनिया के चक्कर में न पड़ें और बिना देर किए अस्पताल में सीधे डॉक्टर से संपर्क करें। सांप, बिच्छू या जहरीले कीड़े के काटने पर पीड़ित का तत्काल उपचार करने से उसकी जान बचाई जा सकती है। वर्षा का पानी बिलों में भरने और बिलों के तापमान में होने वाले परिवर्तन के कारण सांपों को बिलों से बाहर निकलना पड़ता है। सुरक्षित स्थान और खाने की तलाश में सांप अकसर घरों या बाड़ियों में घुस जाते हैं और सर्पदंश की घटना होती है। सर्पदंश की स्थिति में तत्काल पीड़ित को एंटी स्नेक वेनम लगाया जाना आवश्यक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के मामले अधिक- सर्पदंश के ज्यादातर मामले वनांचलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। अधिकांशतः ग्रामीण बारिश के मौसम में भी जमीन पर सोते हैं। इससे उनके सर्पदंश के शिकार होने की आशंका और अधिक बढ़ जाती है। मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश तिवारी ने सर्पदंश से बचने के लिए ग्रामीणों को बारिश के मौसम में जमीन पर नहीं सोने और सर्पदंश की स्थिति में तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार लेने की सलाह दी है।
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