यीशै दास संभाग प्रतिनिधि (सरगुजा)की खास रिपोर्ट






सुत्रो द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत चनवारीडाड में इन दिनों पुर्व शासनकाल में जमकर कोताही बरती गई है।और सारे नियम कानून को धत्ता बता शासन के आंखों में घुल झोंक लाखो रुपए का बंदरबांट किया गया है।कारण कहीं सडक बनी है।तो कहीं सडक ही नहीं है ।ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार जब शासन द्वारा लाखों रुपए ग्राम वासियों को लाभ दिलाने प्रदान कराया जाता है।तो क्या ऐसे में सही और बेहतर रूप में उक्त राशि का आम जनता तक लाभ उचित रूप से पहुंचती है।या नहीं ये भी एक प्रश्न चिन्ह है? ।वहीं जब ग्राम पंचायत चनवारीडाड में सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत् जानकारी मांगी जाती है ।तो उसके एवंज में ग्राम पंचायत द्वारा यह सवाल दें अपना पल्ला झाड़ते नजर आये कि – पुर्व सचिव जिसकी तबियत खराब है।और जब वे ठिक हो जाएगे तब सवाल का जवाब दिया जाएगा लेकिन शायद उन्हें ये मालूम नहीं कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(1)के तहत उनके दिये गये जवाब को लेकर प्रार्थी द्वारा प्रथम अपील करते हुए चुनौती दिया जा सकता है ।जिससे सब दुध का दुध और पानी – का पानी हो जाएगा ???
अगली ब्रेकिंग जल्द ही आपके सभी के समक्ष पेश होगी
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