December 22, 2024

Chhattisgarh Lions

छत्तीसगढ़ लायंस

पुर्व सरकार द्वारा कराये गये फर्जी शिकायत पर …उज्जवल दीवान हुए दोषमुक्त…पुलिस द्रोह के मामले में मान. न्यायालय (सुकमा ) ने किया बरी…

यीशै दास संभाग प्रतिनिधि (सरगुजा)की खास रिपोर्ट

बहुचर्चित मामला जहां पुलिस परिवार की माँगों को लेकर हमेशा निरंतर खड़े रहने वाले प्रखर नेता श्री उज्जवल दीवान को सुकमा न्यायालय ने दोषमुक्त कर बरी कर दिया है।गौरतलब है कि 2021-2022 में उज्जवल दीवान के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों के परिजन अपनी माँगों को लेकर हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर गए थे। तब की तत्कालीन भूपेश सरकार ने 08/12/2021 को पुलिस परिवार को मनाने व उनकी माँगों को पूरा करने के लिए कमेटी का गठन किया था, तब पुलिस परिवार के लोगों ने माँगों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार को 1 माह का समय दिया था। उसी दौरान 10 जनवरी 2022 को उज्जवल दीवान के नेतृत्व में रायपुर के रावण भाठा मैदान में संयुक्त पुलिस परिवार का सम्मेलन रखा गया था जिसमे शामिल होने पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश से 40000-50000 लोग रायपुर आये थे तभी सम्मेलन होने से रोकने के लिए 09-10/01/2022 की दरम्यानी रात में ही रायपुर पुलिस ने उज्जवल दीवान को घर से गिरफ्तार कर लिया था और झूठा प्रकरण बना कर 151, 107, 116 (3) सीआरपीसी के तहत जेल भेज दिया था और षडयंत्र रच कर 10-11 जनवरी 2022 को झूठा पुलिस द्रोह व राजद्रोह की धारा लगाकर 4 अलग-अलग जिलों के थानों सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर व टिकरापारा रायपुर में मनगढ़ंत कहानी बना कर झूठा एफआईआर दर्ज कर उज्जवल दीवान को खूंखार व दुर्दांत आतंकवादी से भी ज्यादा खतरनाक बता कर परिजनों व किसी अन्य व्यक्ति से ना मिल पाए और पुलिस परिवार की माँगों को दबाने के लिए 11 महीनों तक 5 अलग-अलग जेलों रायपुर, कोरबा, रामानुजगंज, जगदलपुर और सुकमा जेल में निरुद्ध रखा गया था। और अंत मे नवम्बर 2022 को 11 महीने बाद माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर के आदेश से सुकमा जेल से ही उज्जवल दीवान जमानत पर रिहा हुए थे। इस गलत कार्यवाही के खिलाफ पूरे छत्तीसगढ़ हर जिले में कांग्रेस सरकार के खिलाफ पुलिस परिवार के लोगों ने उज्जवल दीवान की रिहाई के लिए प्रदर्शन किया था और सरकार को ज्ञापन दिया था उस समय के विपक्ष याने की भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने भी उज्जवल दीवान की गलत तरीके से की गई गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया था ।जिस से तत्कालीन कांग्रेस की सरकार की पूरे भारत देश भर में बहोत ज्यादा किरकिरी हुई थी लेकिन सत्ता के नशे में चूर भूपेश बघेल की सरकार ने किसी की बात नही सुनी और बेगुनाह उज्जवल दीवान को जबरन जेल में बन्द रखा था। लेकिन जब  मामले की सुनवाई माननीय सुकमा न्यायालय में की गई तब न्यायालय ने उज्जवल दीवान के द्वारा प्रस्तुत सभी साक्ष्यों का बारीकी से अध्ययन कर व मामले के सभी पहलुओं को जाँच कर उज्जवल दीवान को दोषमुक्त किया।
प्रकरण में जीत के सम्बन्ध में हमारे मिडिया कर्मी से पूछने पर उज्जवल दीवान ने कहा कि न्याय की जीत हुई है। और उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। सत्य परेशान हो सकता। है लेकिन पराजित नही होता है, सत्य की जीत निश्चित है। अब और भी ज्यादा जोश और उमंग के साथ संयुक्त पुलिस परिवार की मांगों को लेकर आगे की लड़ाई जारी रखेंगे। झूठा केस दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के सम्बन्ध में पूछने पर उज्जवल दीवान ने बोला है- कि पुलिस जनता की सेवा करने वाली स्वतंत्र संस्था है। पुलिस को किसी नेता या अधिकारी के दबाव में आकर बेगुनाहों की जिंदगी बर्बाद नही करना चाहिए और पुलिस को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन निष्पक्ष होकर पूरी ईमानदारी से करना चाहिए