
हम पाठकों को बताना चाहेंगे कि झोलाछाप डॉक्टर देवदास राय से संबंधित समाचार दिनांक 4/ 4/ 2025 को प्रकाशित होते ही सूत्रों द्वारा एक ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है। जिसे सुनकर पाठकों के होश उड़ जाएंगे कारण की देवदास राय और उसकी पत्नी इति राय को लोग मनेंद्रगढ़ के मूल -निवासी समझ रहे थे? लेकिन वे गलत समझ रहे थे । ऐसा बताया जा रहा है कि – उक्त दोनों बंगला देशी है।जो बंगला देश के जसोर जिला से किसी आपराधिक घटना को अंजाम देकर वहां से भागकर अपनी नागरिकता छुपा घुसपैठिये की तरह जमे हुए हैं।ऐसा प्रतीत हो रहा है ।वहीं सुत्रो की मानें तो पैसों के जरिये अपने को मनेंद्रगढ़- का निवासी साबित करने मनेंद्रगढ़ के ही किसी दोगले गद्दार के सहयोग से उक्त फर्जी देवदास राय के द्रारा अपना सहित अपनी पत्नी इति राय का आधार कार्ड, पेन कार्ड, राशन कार्ड आदि बनवाकर अपने को मनेंद्रगढ़ का मूल निवासी बता मनेंद्रगढ़ के वार्ड न0. 14 में निवासरत लोगों को करीब 25-26 वर्षो गुमराह करते आ रहा ?
लेकिन ये बात सुत्रो को कतई हजम नहीं हो रही कि वरिष्ठ पत्रकार के मेडिकल स्टोर के पास ही उक्त फर्जी का क्लीनिक वर्षों से संचालित था ।जिसकी वरिष्ठ पत्रकार जी को कोई खबर तक नहीं तो कैसे माने उन्हें वरिष्ठ पत्रकार???जिस पर सुत्र उठा रहे सवाल?जबकि आधार कार्ड, पेन कार्ड, राशन कार्ड मूल निवासी साबित करने वैध दस्तावेज मान्य नही है। इस तरह फर्जी तरीके से इस क्षेत्र में बंगलादेशी घुसपैठिये का रहना इस क्षेत्र सहित देश के लिए भी बड़ा घातक साबित हो सकता है?
अब देवदास राय के सम्पत्ती पर भी उठ रहे सवाल ? आखिर उक्त फर्जी के पास इतना पैसा आया कहां से ?जिससे उसने अपने एक मात्र पुत्र को भारत से दूर (युक्रेन)में डाक्टरी की पढ़ाई कराकर उसे डाक्टरी की डिग्री दिला दिया क्या यह संभव हो सकता है?कि एक सामान्य व्यक्ति अपने पुत्र को विदेश में डाक्टरी की पढ़ाई कराने करोड़ों रूपए खर्च कर सके ?और इधर करोड़ों का मकान भी बना लें ? ये तो बड़ा गड़बड़ है। रे भाई???गौर करने वाली बात है। जानकारी के अनुसार उक्त फर्जी देवदास राय वर्ष 2008 से (आई.टी .आर )भरते हुए सरकार को उल्लू बना अपनी करोड़ों की प्रापर्टी को नील बता करीब 25-30 लाख रूपये तक इनकम टैक्स की चोरी कर सरकार को चुना लगाकर अपना पिछवाड़ा दिखाते आ रहा है। उक्त फर्जी इतना बड़ा शातिर है। कि मिडिया का सामना होते ही गिरगिट की तरह रंग बदल कर नाटक बाजी चालू कर अपने को हार्ट का पैसेट बता मिडिया को गुमराह करने से बाज नहीं आता अपनी डाक्टरी डिग्री के बारे में जानकारी न देकर अपने मरे हुए पुत्र की डाक्टरी डिग्री को दिखाता है।जिसे उक्त फर्जी अपने क्लिनिक में टांग रखा है।अभी तो शुरुआत है ।मामू एक-एक करके उक्त फर्जी की चड्डी बनियान पतलून सभी उतरने वाली है ।अगले ब्रेकींग में बतायेंगे की किस प्रकार एक आदिवासी महिला उर्मिला सिंह गोंड़ की जमीन को उक्त फर्जी ने अपने नाम पर दर्ज कराने त्रुटि सुधार के लिए वर्ष 2022-23 में एसडीएम कोर्ट मनेंद्रगढ़ में आवेदन पेश किया है।के संबंध में भी समाचार प्रकाशित किया जाएगा ताकि उक्त फर्जी के कारनामो के विषय में मनेंद्रगढ़ के अन्य वरिष्ठ पत्रकार बंधुओं को भी पता चले उक्त फर्जी देवदास राय के नागरिकता की जांच के दौरान पुलिस सबसे पहले उससे उसके स्कूली दाखिल खारिज पजी की मांग करें कि वह मनेंद्रगढ़ के किस – किस स्कूल में कहा – कहा तक पढ़ाई किया है ।और उसके वंशावली (वंश वृक्ष)की भी मांग करें तभी पता चलेगा कि उक्त घुसपैठिया कहा का निवासी है। उक्त फर्जी ने कोर्ट में भी अपने को डाक्टर दर्ज कराया है।तो उससे डाक्टरी का प्रमाण पत्र भी मांगा जाये साथ ही पुलिस को यह भी देखना होगा कि उक्त जांच को प्रभावित करने इस क्षेत्र का कोई भी नागरिक द्वारा पुलिस पर दबाव बनाया जाता है।तो पुलिस देवदास राय जैसे फर्जी को सहयोग देने वाले उक्त में से किसी को भी न बक्सा जाये छत्तीसगढ़ लायंस टीम उक्त जांच में पुलिस के साथ है ।

प्रधान संपादक सिरिल दास की कलम से
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