June 1, 2025

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भारत निर्वाचन आयोग की तीन बड़ी पहलें…मतदाता सूची होगी अधिक सटीक ,मतदान प्रक्रिया और सरल…

यीशै दास संभाग प्रतिनिधि (सरगुजा)की खास रिपोर्ट.

निर्वाचक नामावलियों को अपडेट करने के लिए मृत्यु पंजीकरण का डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त किया जायेगा …

मतदाता सूचना पर्चियों को और अधिक निर्वाचक-अनुकूल बनाया जाएगा.

बीएलओ को मानक फोटो पहचान-पत्र दिया जाएगा.

भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता में वृद्धि करने और नागरिकों के लिए मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से नई पहल की है। ये उपाय भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार द्वारा इस वर्ष मार्च में निर्वाचन आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की गई पहलों के अनुरूप हैं।
मृत्यु पंजीकरण डेटा अब डिजिटल रूप से उपलब्ध
आयोग अब निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (2023 में यथा संशोधित) की धारा 3(5) (बी) के अनुरूप भारत के रजिस्ट्रार जनरल से इलेक्ट्रॉनिक रूप से मृत्यु पंजीकरण डेटा प्राप्त करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पंजीकृत मृत्यु के बारे में समय पर जानकारी प्राप्त हो। इससे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) भी फॉर्म 7 के द्वारा औपचारिक आवेदन पत्र का इंतजार किए बिना फील्ड विजिट के जरिए जानकारी को पुनः सत्यापित कर सकेंगे।
मतदाता सूचना पर्ची (VIS) में नया बदलाव
मतदाता सूचना पर्चियों (वीआईएस) को मतदाताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए आयोग ने इसके डिजाइन को संशोधित करने का भी फैसला किया है। मतदाता के क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे, जिसमें फॉन्ट का आकार बढ़ाया जाएगा, जिससे मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्र की पहचान करना और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नाम को कुशलतापूर्वक ढूंढना आसान हो जाएगा।
बीएलओ को मानक फोटो पहचान-पत्र
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी बीएलओ, जिन्हें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13 बी (2) के तहत ईआरओ द्वारा नियुक्त किया जाता है, को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिक मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान बीएलओ को पहचान सकें और उनके साथ आत्मविश्वास से बातचीत कर सकें। चुनाव संबंधी कर्तव्यों को निभाने में मतदाताओं और ईसीआई के बीच पहले इंटरफेस के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर का दौरा करते समय बीएलओ जनता द्वारा आसानी से पहचाने जा सकें।