यीशै दास संभाग प्रतिनिधि (सरगुजा) की खास रिपोर्ट


ज्ञात हो कि – जरा-जरा सी बात पर मारपीट करने और कई तरह की आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए इन दिनों एक नया हथियार युवाओं के बीच प्रचलन की तरह आ गया है।
जो हाथ में पहना जाने वाला भारी-भरकम और धारदार कड़ा है। जहां पहले यह कड़ा एक धार्मिक मान्यता, ज्योतिषीय सलाह या शौक के तौर पर साधारण चांदी, तांबे अथवा स्टील का पहना जाता था।
लेकिन वहीं अब इसका स्वरूप खतरनाक रूप लेने लगा है।
अक्सर छोटे – मोटे विवादों में देखा जा रहा कि धारदार और नुकीले डिजाइन वाले ये कड़े मारपीट की घटनाओं में एक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं।
मारपीट के मामलों में बढ़ा कड़ों का इस्तेमाल.
अगर गौर किया जाए तो पुलिस अभिलेखों के मुताबिक, जिले में दर्ज हो रहे अधिकांश मारपीट के अपराधों में लाठी, डंडे और अन्य हथियारों के साथ-साथ कड़ा से वार करने की शिकायतें भी सामने आती रही हैं।
खासतौर पर सिर पर किए गए वार से गंभीर चोटें पहुंच रही हैं। जिससे मौत तक हो सकती है।वहीं विगत दिनों गणेश विसर्जन के मौके पर कटघोरा नगर में हजारों की भीड़ जुटी थी।
इस दौरान कुछ जगहों पर (उपद्रवी )युवकों के बीच झड़प हुई। इसी दौरान कुछ युवाओं द्वारा हाथ में पहने गए कड़े से हमला करने की शिकायत थाना प्रभारी /निरीक्षक -धर्मनारायण तिवारी तक पहुंची थी।
उक्त संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन के आधार पर तेजतर्रार दबग थाना प्रभारी/ निरीक्षक धर्म नारायण तिवारी ने एक मुहिम अंतर्गत सघन रूप से अभियान चला शिकायत मिलते ही थाना प्रभारी ने पुलिस बल को निर्देशित करते हुए
तत्काल कार्यवाही शुरू करवाई और नगर में घूम रहे युवकों के हाथों से भारी-भरकम कड़े निकलवाए गए।
उक्त दौरान पुलिस ने ऐसे-ऐसे कड़े जब्त किए, जिन्हें देखकर लोगों के होश उड़ गए। कई कड़ों का वजन 250 ग्राम से 500 ग्राम तक पाया गया। कुछ कड़े नुकीले व धारदार डिजाइन वाले थे। महज डेढ़ घंटे की कार्रवाई में लगभग एक क्विंटल कड़े जप्त किए गए।
माता-पिता होंगे जिम्मेदार.
थाना प्रभारी- धर्मनारायण तिवारी ने साफ कहा है ।कि -भविष्य में यदि कम उम्र के युवाओं को भारी-भरकम और धारदार कड़े पहने पाया गया तो उनके माता-पिता को थाना- तलब किया जाएगा। यह अभियान लगातार जारी रहेगा। कटघोरा पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर नगर और जिले में चर्चाएं तेज हैं। आमजन का कहना है। कि- पुलिस का यह कदम सराहनीय है। क्योंकि युवा वर्ग में बढ़ती यह अपराध का कारण बन रही थी। अब इस सख्ती से युवाओं के बीच ऐसे कड़े पहनने को लेकर भय पैदा होगा ।और आपराधिक घटनाओं पर भी रोक लग सकेगी ।
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