पाठकों को बताना चाहेंगे कि विगत वर्ष से वार्ड नंबर 8 मनेन्द्रगढ में स्थित सरोवर जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।जिसकी साफ – सफाई व सौन्दर्यकरण के नाम पर करोड़ों रुपए डकार लिये गये ऐसा बताया जा रहा है। उक्त सरोवर की बदहाल व्यवस्था को देखते हुए बुजुर्गों द्वारा उसका दोषी नगर प्रशासन को ठहराते हुए सरोवर को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के विषय में अपनी सुझाव देकर बोला जा रहा कि बेटा श्रमदान से काम नहीं चलेगा समस्या का हल निकालना होगा कारण कि श्रमदान की अपील करने वालों का क्या वे तो धर्म की आस्था के नाम पर लोगों को बहला अपनी राजनीतिक की रोटी सेंकने समस्या का हल निकालने के बजाय सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोरने लगे हुए हैं।अगर वास्तव में सरोवर को स्वच्छ और सुरक्षित रखना है।तो नगर प्रशासन मनेन्द्रगढ को नगर निगम चिरमिरी की तरह सरोवर को छति पहुंचाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का ऐलान करते हुए उक्त सरोवर के चारों ओर सीसीटीवी फुटेज कैमरा लगा नोटिस बोर्ड लगवा देना चाहिए लेकिन ऐसा न करके नगर प्रशासन मनेन्द्रगढ की लचर व्यवस्था के चलते ही आज उक्त सरोवर जो बदहाल दशा में भ्रष्टाचार का बयान कर रहा है। वहीं दूसरी ओर उक्त सरोवर के बदहाली का ज़िम्मेदार आस्थावान लोगों सहित जनप्रतिनिधि एमएलए भी है ।जो पुजा अर्चना की समाग्री सहित मुर्ति विसर्जन करने मनेन्द्रगढ क्षेत्र अंतर्गत शासन से शासकीय भूमि पर अलग से तलाब निर्माण कराने की मांग न करके उक्त सरोवर में ही प्रतिवर्ष मुर्ति विसर्जन तो कराते ही है साथ ही पुजा अर्चना की समाग्री को भी उसी सरोवर में डालते हैं।जिसका फायदा उठा कुछ घटिया मानसिकता वाले लोग अपने अपने घरों का कुडा कचरा सरोवर में फेंकने से बाज नहीं आ रहे उन्हें सरोवर के सौन्दर्य का जरा भी ख्याल नहीं होता अब देखना ये है कि मनेन्द्रगढ क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधि,विधायक,मंत्री मुर्ति विसर्जन सहित पुजा अर्चना की समाग्री को व्यवस्थित जगह पर डालनें अलग से तलाब निर्माण कराने उक्त दिशा में पहल करते हैं । या फिर इसी तरह भोले भाले लोगों को आस्था के नाम पर उल्लू बना बिचौलियों के माध्यम से श्रमदान करवाते रहेंगे
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