December 23, 2024

Chhattisgarh Lions

छत्तीसगढ़ लायंस

चंद्रयान 3 मिशन में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण,रीतू करिधल भी थीं शामिल…

यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

हम आपको बता दें कि चंद्रयान -3 की लैंडिंग का समय शाम 6.04 बजे निर्धारित किया गया था जिसे पूरा देश उक्त मौके को टकटकी लगाए निहार रहा था। लैंडिंग के सफल होते ही हर देशवासी के मुख से भारत माता की जय के जयकारे लगने‌ लगे वहीं इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया। तत्पश्चात् पूरे मिशन में बड़ी संख्या के वैज्ञानिकों ने अपना योगदान दिया लेकिन यह मिशन महिलाओं की भूमिका के लिए भी याद किया जाएगा जिनमें रीतू करिधल भी शामिल हैं।
रितु करिधल को रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।
जो अपने नेतृत्व और इसरो की प्रमुख परियोजनाओं में अपार योगदान के लिए भारत की रॉकेट वुमन कहलाने वाली कारिधल भारत के लखनऊ से हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री हासिल की‌ वही बाद में, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमई की डिग्री प्राप्त कर 1997 में वह इसरो में शामिल हुईं। करिधल के नाम कई पुरस्कार मिल चुके है जैसे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा ‘इसरो यंग साइंटिस्ट अवार्ड’, ‘इसरो टीम अवार्ड फॉर एमओएम (2015)’, ‘एएसआई टीम अवार्ड’ और ‘वीमेन अचीवर्स इन एयरोस्पेस, (2017) ‘सोसायटी ऑफ इंडियन एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज एंड इंडस्ट्रीज द्वारा। कारिधल हमेशा से ही अंतरिक्ष के प्रति आकर्षित रहे हैं और कुछ अलग करना चाहते थे। वह इसरो और नासा की समाचार रिपोर्टों की पेपर कटिंग एकत्र करती थीं।र‍ितु करिधल का जन्म 13 अप्रैल 1975 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अविनाश श्रीवास्तव से शादी की है। और इस जोड़े के दो बच्चे हैं, आदित्य और अनीशा। करिधल का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था और उनके दो भाई-बहन हैं। उनके माता-पिता हमेशा उन्हें और उनके भाई-बहनों को कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे और वह बचपन से ही बहुत अध्ययनशील बच्ची रही हैं।
भारत अब तक तीन चंद्र म‍िशन लॉन्‍च कर चुका है। पहला चंद्रयान मिशन 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था। यह मिशन चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए जाना जाता था और बाद में कई अन्य खोजें हुईं। दूसरा मिशन, चंद्रयान-2, 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया गया था। लैंडर चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया लेकिन बाद में चंद्रमा की सतह से केवल 2.1 किमी ऊपर खो गया था। अब चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर उतरने के ल‍िए तैयार है। चंद्रयान तीन 14 जुलाई को लॉन्‍च क‍िया गया था। गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा है रितु करिधल चंद्रयान तीन क‍ि म‍िशन डॉयरेक्‍टर रितु करिधल ने अपनी स्नातक की पढ़ाई बी.एससी. से की। भौतिक विज्ञान। बाद में, उन्होंने एम.एससी. किया। लखनऊ विश्वविद्यालय में भौतिकी में कि फिर उसके बाद, उन्होंने बेंगलुरु के प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रवेश लिया। वह एयरोस्पेस की विशेषज्ञ हैं।तथा उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में एक शोध अध्येता के रूप में उसी प्रभाग में पढ़ाया।
कुछ ऐसा है इसरो की लीड वैज्ञान‍िक रितु करिधल का करियर..
रितु करिधल 1997 में इसरो में शामिल हुईं। वह इसरो मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और वह इसरो के सबसे महत्वपूर्ण सदस्यों में से हैं। रितु उप परिचालन निदेशक थीं और उन्होंने भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन, मंगलयान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह चंद्रयान-2 की टीम की सदस्य भी थीं। उन्होंने मिशन निदेशक के रूप में चंद्रयान 2 मिशन की देखरेख की और इसके अलावा, वह कई अन्य महत्वपूर्ण मिशनों में शामिल थीं उक्त संबंध की जानकारी बेलबहरा हायर सेकंडरी स्कूल व्याख्याता जिला एमसीबी छ.ग निर्मला अग्रवाल ने देकर चंद्रयान -3 मिशन‌ की शुभकामनाएं प्रेषित की