December 23, 2024

Chhattisgarh Lions

छत्तीसगढ़ लायंस

सड़कों पर फर्राटे भर रही मन्तोषी की ई-रिक्शा है… उसके आत्मनिर्भर बनने के सपनों की चाभी…राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिली ई रिक्शा चलाने की आजीविका… महिलाओं के सशक्तिकरण में मददगार योजना के लिए शासन को देती हैं धन्यवाद

बैकुंठपुर/कोरिया|| सोनहत विकासखण्ड की सड़कों पर मन्तोषी की ई-रिक्शा फर्राटे भर रही है और इसके साथ ही उसका हौसला और आत्मनिर्भर बनने का सपना भी। ग्राम पंचायत रजौली के अंतर्गत खोडरी गांव की रहने वाली मन्तोषी ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार की जरूरतें पूरा कर रही है। मन्तोषी को उसकी दृढ़इच्छाशक्ति ने घरेलू महिला से ई रिक्शा चालक के रूप में पहचान दिलाई है। मन्तोषी बताती है कि जिस दिन सवारी बढ़िया मिल जाते हैं तो रिक्शा चलाकर एक दिन में 5 सौ से 6 सौ रूपए तक कमाई हो जाती है। पहले सीमित आय में परिवार का पालन पोषण करना थोड़ा मुश्किल था पर आज ई रिक्शा से उन्हें रोजाना आमदनी हो जाती है जिससे परिवार के रोजमर्रा के खर्च निकल जाते हैं। वे कहती हैं कि परिवार की मदद कर पाना बेहद सुकून देता है और इसके साथ ही वे शासन को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के लिए धन्यवाद देती है, जिसने उसे अपना सपना पूरा करने में मदद की। बिहान योजना के तहत वे गांव के गंगा स्व सहायता समूह से जुड़ी और समूह की सचिव के रूप में आज कार्यरत हैं। बिहान के अंतर्गत महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आजीविका के रूप में विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा जाता है। मन्तोषी ने समूह से जुड़ने के बाद बतौर ई-रिक्शा चालक काम करने की इच्छा जाहिर की। जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अधिकारियों ने मन्तोषी की स्वावलंबी बनने की इच्छा में सहयोग किया और ई रिक्शा के लिए राशि जुटाने में उसकी मदद की, जिसमें श्रम विभाग ने भी अपना योगदान दिया। बैंक लिंकेज के अंतर्गत  ई रिक्शा के लिए 1 लाख रुपए, श्रम विभाग से 50 हजार की राशि और स्वयं के 20 हजार रुपए लगाकर मन्तोषी ने ई-रिक्शा खरीदा। मन्तोषी कहती है कि ई-रिक्शा ने उसे अपने परिवार के लिए कमाने और अपनी पहचान बनाने की हिम्मत दी है।