पाठकों को बताना चाहेंगे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ का मामला जहां डॉक्टर की घोर लापरवाही की वजह से सड़क दुर्घटना में आहत हुए एक युवक की तड़पते तड़पते मौत हो गई बताया जा रहा है कि उक्त युवक का नाम नारायण पतवार है जो मौहारपारा वार्ड नंबर 6 मनेंद्रगढ़ का निवासी था वह है टेंपो जलाकर परिवार का भरण पोषण करता था उक्त युवक दिनांक 23/7 /2023 को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से आहत हो गया था जिसे उपचार हेतु उसके परिजनों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में लाया गया था लेकिन अस्पताल में चिकित्सक नदारद थे उक्त दौरान आहत के पुत्र के द्वारा मोबाइल फोन के माध्यम से डॉक्टर सुरेश कुमार तिवारी को अपने पिता के उपचार करने की बात बोलने पर डॉक्टर तिवारी अपने प्राइवेट क्लीनिक में व्यस्त थे जिस कारण आहट के पुत्र को काफी देर तक पिता के उपचार के लिए डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा वही गुप्त सूत्रों के अनुसार उक्त डॉक्टर जो जमाने से जुए खेलने का आदि है वह क्लीनिक में होने की झूठी बात बोल जुआ खेलने में मस्त था शायद उक्त वजह से जुआ खेलते जगह से उठने में उसे तकलीफ हो रही थी जिस कारण वह बहानेबाजी कर रहा था।
वही आहत के पुत्र के अनुसार एक महिला चिकित्सक अर्चना कुंभ हारे उसके पिता के इलाज करने के एवज में ₹500 पीड़ित से ले ली जब तक डॉक्टर अस्पताल पहुंचे तब तक आहत युवक दम तोड़ चुका था अगर समय रहते डॉक्टर उपचार करते तो शायद उक्त युवक को बचाया जा सकता था उक्त बात को लेकर मृतक नारायण पतवार के पुत्र अमन पत् वार का डॉक्टर सुरेश तिवारी से झड़प हो गई जिस पर डॉक्टर तिवारी गुस्से से आग बबूला होकर गाली गलौज देते हुए मृतक के पुत्र से मारपीट करने उतारू हो कर उससे हाथापाई कर डाला जिसकी खबर चलते ही मृतक के परिजनों सहित आम नागरिकों की भीड़ अस्पताल में आते देख डॉक्टर सुरेश कुमार तिवारी सांप की तरह सरपट भागते हुए पुलिस थाना मनेंद्रगढ़ में घुस गया वही सूत्रों के अनुसार डॉक्टर सुरेश कुमार तिवारी को भागते देख आक्रोशित लोगों में से कुछ लोगो ने अपना अपना हाथ साफ कर गंगा मे हाथ धो लिया कुछ लोगों का यह भी कहना है की यह कोई पहली घटना नहीं है डॉ सुरेश कुमार तिवारी जो एक ही जगह मनेंद्रगढ़ में इस क्षेत्र के पूंजीपतियों सहित छुट भैया नेताओं के बलबूते 30से35 साल से अजगर की तरह कुंडली मार जमा होकर इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम देते आ रहा जिस बारे में कई बार शिकायत होने के पश्चात भी डॉ तिवारी को हटाने कोई कार्यवाही नहीं करने के कारण से उसका मनोबल बढ़ा हुआ है वह पूरे हॉस्पिटल में भ्रष्टाचार फैला रखा है वही भ्रष्टाचार का मुख्य जड़ है जो गरीबों के जीवन से खिलवाड़ करते आ रहा है उसे पीड़ितों से बात करने की तमीज तक नहीं है इतना घटिया तरीके से अब्द शब्द बातें बोलते पेस आता है उक्त वजह से उक्त घटना को देख अपना आपा खो आक्रोशित नागरिकों ने उसे अच्छा सबक सिखाया उक्त घटना को देख पैसों के पुजारी अन्य डॉक्टरों को सबक लेने की आवश्यकता है जो डॉक्टर के औहदे को भूल कर चंद पैसों के लालच में गरीब लोगों के जीवन से खिलवाड़ करते आ रहे अब देखना यह है की स्वास्थ्य मंत्री माननीय टी एस सिंह देव सहित कलेक्टर एमसीबी के द्वारा डॉक्टर तिवारी को बर्खास्त करने क्या कार्रवाई की जाती है या फिर उक्त प्रकरण को लीपापोती कर ठंडे बस्ते में डालकर इसी तरह मौत का खेल खेलवाते और शहर की शांति भंग करवाते रहेंगे उक्त घटना की वजह से रात भर गहमागहमी का माहौल रहा लेकिन एक भी जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी निभाने नहीं पहुंचे जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है
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