पाठकों को बताना चाहेंगे कि मनेन्द्रगढ से करीब 17-18 किलो मीटर की दुरी पर जंगल के बीच पाराडोल रेल्वे स्टेशन स्थित है।जहां रेल प्रशासन द्वारा इस भीषण गर्मी में पेयजल की व्यवस्था नहीं कि गई उक्त वजह से पाराडोल स्टेशन अंतर्गत रेल सेवा दे रहे रेल कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि देखा जाये तो रेल प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्टेशन में पेयजल की व्यवस्था हेतु करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन इस स्टेशन में पेयजल व्यवस्था के नाम पर एक मात्र हैंडपंप लगवा दिया गया है।जो काफी पुराना हो चुका है। जिसमें से काफी मस्कत के पश्चात अगर थोड़ा बहुत पानी निकलता भी है तो बदबूदार पीने योग्य पानी नहीं होता जिसे मजबूरी वस अपनी प्यास बुझाने लोग पीते हैं।जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की संभावना भी बनी हुई है। ऐसा बताया जा रहा है।गौर करने वाली बात है कि उक्त स्टेशन पाराडोल से रेल्वे विभाग के तथाकथित उच्च अधिकारियों का अक्सर आना जाना होता है। लेकिन इस ओर ध्यान न देकर वे नजर अंदाज करते हुए अपना पिछवाड़ा दिखा चले जाते हैं।
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