मनेन्द्रगढ -पाठकों को बताना चाहेंगे कि महाप्रबंधक हसदेव क्षेत्र अंतर्गत नौकरी करने के बाद सेवा निवृत्त के समय कर्मचारियों से उनकी पत्नी, बच्चों का विवरण लेकर पेंशन आदेश (P.P.O)जारी कर दिये जाते हैं। लेकिन गौर करने वाली बात तो ये है कि न जाने किस वजह से उक्त पेंशन आदेश में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पत्नियों का नाम दर्ज न करने के कारण से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मृत्यु हो जाने के पश्चात SCCL कंपनी के पुराने सडे-गले रद्दी सिस्टम के चलते उनकी विधवाओं को परिवारिक पेंशन भुगतान के लिए 2 से 3वर्ष तक कार्यालय के चक्कर लगाते हुए कई तरह के यातनाओं को झेलते हुए उक्त में से कुछ विधवाएं तो मरणावस्था में पड़ी हुई है। लेकिन उक्त विधवाओं को परिवारिक पेंशन मुहैया कराने क्षेत्रिय प्रबंधक हसदेव क्षेत्र साउथ झगराखाण्ड द्वारा कोई सरल उपाय न करके सेवा निवृत्त कर्मचारियों के मृत्यु पश्चात उनकी विधवाओं को परिवारिक पेंशन भुगतान कराने फिर से पीपीओ जारी करने प्रोसेस करा कंपनी का समय बर्बाद किया जाता है उक्त प्रोसेस में करीब 2 से 3 वर्ष तक लग जाते हैं।तब कहीं बड़ी तपस्या के बाद उक्त विधवाओं को पेंशन राशि प्राप्त होती है।एसईसीएल कंपनी का सिस्टम इतना रद्दी घटिया है ।कि अन्य विभागों की विधवाओं को परिवारिक पेंशन भुगतान के लिए इतना परेशान होते नहीं देखा गया जितना एसईसीएल कंपनी के विधवाओं को प्रताड़ित होते देखा जा रहा है। लेकिन सेवा निवृत्त मृतक कर्मचारियों के विधवाओं को रेलवे विभाग की तरह आसानी से पेंशन मुहैया कराने उक्त पुराने विधवा पेंशन प्रोसेसिंग घटिया सडे -गले सिस्टम को रद्दी की टोकरी में डाल रेलवे विभाग की तरह सरलीकरण करने क्षेत्रिय प्रबंधक हसदेव क्षेत्र साउथ झगराखाण्ड सहित एसईसीएल के बड़े – बड़े रंग बिरंगे चोगा पोंगा पहिने बड़ी बड़ी सभा मीटिंग करने वाले तथाकथित नेता भी उक्त सिस्टम को बदलने कोई सुझाव नहीं दे रहे जैसे – रेलवे विभाग द्वारा सेवा निवृत्त के समय कर्मचारियों के पेंशन आदेश (पी.पी.ओ) में उनकी पत्नियों का नाम दर्ज कर दिया जाता है। जिससे सेवा निवृत्त कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने के बाद उक्त विधवाओं को कोई परेशानी न हो उन्हें कार्यालय का चक्कर न काटना पड़े उक्त वजह से बैंक को ही मृतक सेवा निवृत्त कर्मचारी के विधवाओं को परिवारिक पेंशन भुगतान करने प्रोसेस करने का दायित्व सौंपा गया है । जिसमें बैंक द्वारा मृतक पेंशनर के खाते की रिकवरी कर विधवाओं को अंडरटेकिंग फार्म भरकर कर जमा करने दिये जाते हैं।जिसमें सेवानिवृत्त मृतक कर्मचारी का मृत्यु प्रमाण पत्र ,पी.पी.ओ की प्रति सहित विधवा के बैंक खाता, आधार कार्ड ,पेन कार्ड, जीवित प्रमाण पत्र,नोटरी सत्यापित के तहत् प्रोसेस करने के करीब 1-2 महीने के अंदर ही बड़े आसानी से उक्त विधवाओं को पेंशन का भुगतान प्राप्त होने लगता है। कोई परेशानी नहीं होती वहीं एसईसीएल कंपनी में फिर से पेंशन आदेश जारी करने पक्रिया में कंपनी का कीमती समय नष्ट तो होता ही है साथ ही कार्य से अधिक भार कार्यालय के बाबूओं पर भी पड़ता है। उक्त वजह से अन्य कार्य प्रभावित होते हैं।और कंपनी के कई बाबू तनाव में रहने के कारण से विभिन्न प्रकार की बीमारी से ग्रसित भी होते जा रहे हैं। इसलिए उक्त पुराने सिस्टम में बदलाव लाना जरूरी है।ताकि विधवाओं को पेंशन के लिए वर्षों तक इंतजार कर भटकना न पड़े
प्रधान संपादक की कलम से
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