👉यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट
हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले लगातार विगत कई दिनों से हड़ताल जारी है उक्त क्रम में मीडिया द्वारा दिनांक 30/8/22को एक ओर तीज पर्व था वहीं दूसरी ओर मजबूर बस हो अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के तत्वाधान में हड़ताल जारी था जब मीडिया द्वारा उक्त आंदोलन के विषय में जानकारी ली गई तो श्री रामायण प्रसाद पांडेय सहायक ग्रेड -2जनपद पंचायत द्वारा छत्तीसगढ़ लायंस नयूज़ को जानकारी दें बताया कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है अजादी से लेकर आज तक इन सरकारों ने जो कार्यपालिका के साथ भेद-भाव किया है जो छल किया है तथा जिस प्रकार से इन्होंने हमें छला है हम उसके लिए पीड़ित तो हुए लेकिन फिर भी अपनी मातृभूमि के लिए अपने राष्ट्र के विकास के लिए हम संवैधानिक ढंग से संकल्प थे और है और आगे रहेंगे भी लेकिन कुछ हमारी समस्याएं हैं जिनका समाधान इस सरकार द्वारा किया जाना है ऐसी बहुत सारी समस्याएं हैं वेतन कि संगतियां हैं । हमारी पदोन्नति समय पर नहीं हो रही है। नई भर्तियां नहीं हो रही है जिससे हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों को कुछ रोजगार भी मिले ऐसी बहुत सारी पिड़ाये भी हैं ।हमारी लेकिन इस समय पिछले 9 -10 दिनों से अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के अंतर्गत आंदोलन किया जा रहा है इसमें सिर्फ दो मांगे हैं और यह कोई 2 मांगे मांग नहीं थी केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों का जो अनुबंध था कि हर छह माह में जो महंगाई भत्ता बढ़ाया जाएगा वो समय-समय पर आपको दिया जाएगा इसके लिए राज्य सरकारें बाध्य थी हम भी आस्वस्थ थे और पूर्व की सरकारे भी इसका निराकरण करते आई थी समय -समय पर देती आई थी लेकिन आज विडंबना यह है कि जबसे मा.भुपेश बघेल की छत्तीसगढ़ की सरकार सत्ता आई है तब से लेकर आज वर्तमान में केन्द्र की सरकार द्वारा महंगाई भत्ता 38% और छत्तीसगढ़ में हम आधे पर भी नहीं हैं आज एक-एक कर्मचारी लगभग लगभग वार्षिक क्षति कहूं तो न्यूनतम एक लाख रुपए से पचास हजार रुपए तक की क्षती झेल राहा है।आज कि इस महंगाई में जिस तरह से आम जनता को लूट रही है और यह नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं हमारी सबसे बड़ी वेदना है हमारी 02महि मांगे थी 1-एक तो सातवें वेतन मांग में केन्द्र की सरकार अपने अधिकारियों कर्मचारियों को आज से 4 वर्ष पहले ही10% मकान भाड़ा भत्ता दे रखा है। छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी कहीं भी कर्मचारियों को 10 %से ज्यादा आवास सुविधा उपलब्ध नहीं है हमारे तमाम कर्मचारी किराए के मकानों में रहते हैं जिन्हें न्यूनतम ₹5000 से ₹10000 आवास भाड़ा देना पड़ता है जिसके लिए हमने निवेदन किया है कि आप जो केन्द्र सरकार के समान 10% भत्ता आवास भाड़ा हमें दे दो
2-दुसरी मांग यह थी कि केन्द्र सरकार कर्मचारियों के समान हमें भी 38% महंगाई भत्ता दे दो ताकि हम अपना जीवको पालन कर सकें इसके अलावा इस आंदोलन का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है क्रमचारी होने से पहले हम भी एक स्वतंत्र नागरिक हैं जो पीड़ा एक जनता सह रही है वह पीड़ा हम भी झेल रहे हैं वह स्वतंत्र है जिंदगी जीने के लिए और हम इनके नियम अनुबंधों में बंधे हुए हैं इनकी मर्यादाओं में बंधे हुए हैं तो हमें ज्यादा पीड़ा झेलनी पड़ती है क्योंकि कोई 1000 किलोमीटर से तो कोई 500 किलोमीटर से 25- 30 वर्षों से अपना घर ,परिवार, रिश्ता सब कुछ बलिदान करके यह राज्य और राष्ट्र की सेवा में लगा हुआ है और यह सुरसारुपी महंगाई सबको निकल रही है यही वेदना हमें है इसके लिए हमने तय किया है कि यदि शांतिपूर्ण ढंग से हमारे सत्याग्रह को मान्य नहीं किया जाता या फिर हमारे मांगे पूरी नहीं होती तो ये आंदोलन आगे और भी उग्र होगा भयानक रूप भी धारण करेगा हो सकता है जिस तरह से षड्यंत्रकारी और दमन चक्र का प्रयोग करने की मंशा सरकार बना रखी है तो इसके लिए अगर हमे अपना सर्वस्व बलिदान करना पड़ेगा तो हम इससे पीछे नहीं जाएंगे जिसमें मुख्य रूप से उपस्थित छ.ग फेडरेशन के अधिकारी कर्मचारी रहे
सरकार को जगाने अपनी मांग मनवाने बाजा- गाजा सहित सुंदरकांड कराया गया …
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