पाठकों को बताना चाहेंगे कि एमसीबी जिला बनने के बाद भी मनेन्द्रगढ शहर की यातायात व्यवस्था पुरी तरह ठप्प नजर आ रही कारण कि मनेन्द्रगढ शहर के तमाम चौक चौराहों पर आये दिन जाम लगा रहता है। उक्त वजह से विवादित स्थिति बनना एक स्वाभाविक सी बात है। लेकिन यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने उक्त दिशा में कोई ठोस कदम न उठा कर केवल दिखावा मात्र के लिए1 -2 पुलिस कर्मी की डियूटी लगा उच्च अधिकारी अपना अपना पल्ला झाड़ चैन की नींद AC में लेते नजर आते हैं।ऐसा बताया जा रहा है इतना ही नहीं उक्त पुलिस कर्मियों से इस भीषण गर्मी में घोड़े- गधे की तरह विभिन्न प्रकार के कार्य भी करवायें जाते हैं ।वहीं यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने डियूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का आये दिन कई तरह के टपोरियों ,उजड किस्म के तत्वों से सामना होता रहता है ।जो पुलिस से दादागिरी करते हुए कभी स्थानांतरण तो कभी नौकरी से बाहर कराने की धमकी तो देते ही हैं इसके अतिरिक्त छुटभैया नेताओं से भी फोन पर धमकी दिला मानसिक रूप से उन्हें इतना चोट पहुंचाते हैं कि एक तो कार्य की अधिकता और इस तरह की धमकी की वजह से तनाव के चलते कभी कभी उजड़डो को उजडता से जवाब भी देना पड़ता है तो उक्त पुलिस कर्मियों पर कई तरह के तोहमत लगा राई का पहाड़ बनाने से लोग बाज नहीं आते जबकि स्टाफ की कमी और कार्य की अधिकता होने के बावजूद भी उक्त पुलिस कर्मी यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने हर संभव अपना दायित्व निभाते आ रहे लेकिन मनेन्द्रगढ शहर में स्थाई रूप से यातायात पुलिस की नियुक्ति कराने उक्त दिशा में पुलिस के उच्च अधिकारी तो दूर नेता मंत्री भी ध्यान नहीं दे रहे उक्त वजह से ही अस्थाई रूप से यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने तैनात किये गये पुलिस कर्मी इन दिनों विवादों से घिरते जा रहे। यातायात पुलिस की नियुक्ति नहीं कराये जाने से आज के युवाओं का क्या कहना जो बिना लायसेंस और बिना कागजात के फराटे दार दोपहिया वाहन से लेकर चारपहिया वाहन तक धौस जमा चलाते नजर आते हैं।जिनकी देखा देखी नाबालिग भी पीछे नहीं वे भी छटाक -छटाक भर के क्यों न हो बाईक और स्कूटी बेखौफ चलाते प्रशासन को ठेंगा दिखा सामने से निकल जाते हैं। लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई करना चाहें तो कैसे करें कारण कि अगर पुलिस दौड़ा कर उन्हें पकड़ना भी चाहे और उक्त दौरान कोई घटना घटित हो जाये तो सारा दोष पुलिस का ही लोग निकालेंगे उक्त डर से कार्रवाई करने पुलिस के हाथ बंधे हुए हैं। जिसका फायदा उठा रहे नाबालिग और युवा आखिर जिम्मेदार कौन
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