January 19, 2025

Chhattisgarh Lions

छत्तीसगढ़ लायंस

सांता कलाज का….. क्रिस्मस से कोई संबंध नहीं मसीही , भ्रमित न हो

सांता कलाज और क्रिस्मस के विषय मे जानकारी प्राप्त कर कुछ सच्चाईयो को बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
जो इस प्रकार से है ।आइरा का इलाका जिसे आज टर्की कहा जाता है। और टर्की से उसे अब तरकिसतान बोला जाता है। जहाँ पर एक बड़ा ही धनवान परिवार रहता था और एक दिन उक्त परिवार मर गया केवल उनका एक मात्र पुत्र निकुलेश ही बचा जिसकी परवरिश उसके चाचा के द्वारा उसके माता-पिता द्वारा छोड़ी गई संपत्ति से की गई निकुलेश बड़ा हुआ तो उसे पता चला कि उसके माता-पिता द्वारा उसके नाम पर अपार धन संपत्ति छोड़ी गई है ।उक्त संपत्ति से निकुलेश गरीब निर्धन लोगो की मदद किया करता था कारण की वह बड़ा ही दयालु दरिया दिल इंसान परमेश्वर का भय मानने वाला था उसके शहर में एक गरीब बुजुर्ग था उसकी 3 लड़कियाँ थी वह कर्जदार था उसके पास कर्ज चुकाने को अपनी लड़कियों को बेचने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं था कारण की 1600वर्ष पहले दास प्रथा का चलन था अगर कोई कर्ज चुका नहीं पाता तो उसे अपने बच्चो को बेचकर कर्ज चुकाना पड़ता था इसलिए उक्त बुजुर्ग अपनी तीनो लड़कियों को बारी-बारी से बेचने की तयारी कर रहा धा उसकी बड़ी लड़की बड़ी दुखी थी कारण की पहले उसे ही बेचा जाना था उक्त वजह से वह रात में आपने कपड़े मोजे आदि बाहर सुखाने को डाल रखी थी उक्त खबर पाने के बाद निकुलेश रात के अंधेरे मे उक्त बुजुर्ग के घर जाकर चुपके से बाहर सुख रहे मोजे में सोने के सिक्के डालकर चला गया सुबह जब उस लड़की ने अपने मोजे को देखी तो उसके खुशी का ठिकाना न रहा उस सोने के सिक्के से कर्ज चुकाकर उक्त बुजुर्ग ने अपनी बड़ी लड़की को बचा लिया उसके बाद दूसरी लड़की की बारी आई उक्त दौरान निकुलेश ने एक थैली मे सोने का सिक्का भरकर उसके घर के अंदर फेक कर चला गया उस सिक्के से बुजुर्ग ने अपनी दूसरी लड़की को बचा लिया उसके बाद बुजुर्ग यह जानना चाहा कि कौन है जो इस प्रकार हमारी मदद कर रहा है।
और जब तीसरी लड़की की बारी आई तो उक्त बुजुर्ग सारी रात जागता रहा की उसे पकड़ सके और आधी रात को जब निकुलेश सोने के सिक्के से भरी थैली उनके घर के अंदर फेंककर भागने ही वाला था की उक्त बुजुर्ग ने उसे पकड़ कर उसका मुखौटा हटाकर देखा तो वह निकुलेश था तब निकुलेस ने उक्त बुजुर्ग से अपना नाम उजागर न करने की बात बोल माना कर चलागया कराड़ की वह फेमस होना नहीं चाहता था और न ही वह कोई प्रसिद्धि चाहता था लेकिन उक्त बुजुर्ग ने आखिर निकुलेश को फेमस कर ही दिया तबसे निकुलेश बिशप निकुलेश बना और बिशप से संत निकुलेश सांता कलाज कहलाने लगा इस तरह संत निकुलेश ने गरीब निर्धनों की मदद कर एक अच्छे धनवान होने का परिचय देकर जीवन की पुस्तक मे अपना नाम दर्ज करा लिया और वही निकुलेश आज तक सांता कलाज के नाम से जाना जाता है तबसे कुछ लोग भेषभूशा बदलकर सांता कलाज की तरह गरीब तबके के लोगो को क्रिस्मस के अवसर पर गिफ्ट दिया करते है गिफ्ट करना कोई बुरी बात नही है। सांता कलाज का क्रिस्मस से कोई संबंध नही है। यही अंतर है इसलिए मसीही सांता क्लॉज को ज्यादा महत्व न दे
क्रिस्मस डे 25 दिसम्बर याने प्रभु यीशु मसीह का जन्म दिवस जिसे प्रतिवर्ष बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है कारण की प्रभु यीशु मसीह इस जगत मे प्यार, मोहबबत बांटने के अलावा जनहित में अनगिनित कार्य किये अगर उक्त कारयो को लिखा जाता तो इस जगत मे न समाता यीशु मसीह ने अपने शत्रुओ से प्रेम करने की शिक्षा दी और सत्य के मार्ग पर चलना सिखाया इतना ही नहीं उंहोने पापियों को बचाने के लिए तरह तरह की यातनाओं को सहा यहाँ तक की अपने आप को क्रूस पर बलिदान चढ़ा दिया वह कायर की तरह जान बचाने डरकर नहीं भागा बेखौफ मौत का सामना किया और अंत में मौत को पराजित कर तीसरे दिन जिंदा होकर इतिहास रच दिया और अपने चेलो संग 40 दिनो तक रहा और स्वर्ग पर उठा लिया गया और जाते-जाते उंहोने ये कहा है कि जैसे तुम मुझे जाते देख रहे हो वैसे ही मुझे दोबारा स्वर्ग से आते देखोगे इसलिए मसीहीयो मन फिराव कयोंकि स्वर्ग का राज्य निकट है कारण की प्रभु यीशु मसीह संपूर्ण मानव जाति को न्याय करने जल्द ही आने वाला है। और जहां तक क्रिसमस ट्री का सवाल उठता है तो इसकी शुरवात 16 वीं शताब्दी में सबसे पहले जर्मनी से सुरु हुई थी माना जाता है जहां क्रिस्मस ट्री मे गिफ्ट लगाया जा कर क्रिस्मस मनाते हुए लोगों को गिफ्ट बांटा जाता था जिसके बाद 18 वीं शताब्दी में अमेरिका में क्रिस्मस मनाया गया – बड़ा दिन सभी को मुबारक हो – हैप्पी क्रिसमस

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