हम आपको बता दें कि विगत दिनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ की बड़ी लापरवाही सामने उभर कर आई थी जहां अस्पताल में घुसकर एक आवारा कुत्ते ने मृत नवजात शिशु को अपने मुंह में दबा घसीटते हुए सड़क पर ले गया था उक्त सनसनीखेज मामला जो आज तक चर्चा का विषय बना हुआ है| अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ का यह दूसरा मामला सामने आया है जिस संबंध में बताया जा रहा है कि जांच हमलों के होते हुए शायद अपनी निजी स्वार्थ पूर्ति, कमीशनखोरी के चलते अनुबंध चिकित्सक के द्वारा एक पीड़ित को बाहर से जांच करा रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया तब मजबूरी वस उक्त पीड़ित को कर्ज लेकर अपनी माता की जांच प्राइवेट लैब में 8,500/- खर्च कर कराना पड़ा और जब उक्त पीड़ित जाँच रिपोर्ट लेकर अस्पताल गया तो अनुबंध चिकित्सक नदारद थे इस प्रकार के बिगड़े रवैया से उपचार कराने आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि जितने भी अनुबंध वाले चिकित्सक हैं उक्त सभी मनमाने तरीके से अस्पताल आते हैं और अपनी हाजिरी लगाकर गोल हो जाते हैं और शासन को ठेंगा दिखा मुफ्त का वेतन आहरण करते जा रहे हैं| वह दिखावा मात्र के लिए ही अस्पताल में आते हैं और सांप की तरह पलक झपकते ही सरपट गायब हो जाते हैं और इधर मरीज तड़पते हुए आस लगाए चिकित्सकों का इंतजार करते रहते हैं जिससे उनकी पीड़ा और भी बढ़ जाती है वही बुजुर्गों के अनुसार पुराने समय में जो डॉक्टर होते थे वे सभी पैसे के पुजारी नहीं थे उनमें केवल सेवा भावना कूट-कूट कर भरी होती थी और वह हमेशा पीड़ितों की सेवा करने तत्पर तैयार रहते थे लेकिन इन दिनों तो पैसों के पुजारी चिकित्सक पैदा होते जा रहे हैं भईया जिनकी यह सोच हैं की मरीज जाए चूल्हे के भाड़ में उन्हें तो सिर्फ और सिर्फ पैसा ही चाहिए लेकिन उक्त पैसों के पुजारियों को शायद मालूम नहीं कि ऊपर बैठा सब का बाप जो उनकी गतिविधियों को देख रहा है जिसके सामने राजा रंग फकीर सभी एक समान हैं वह सभी का लेखा-जोखा लेगा तब उक्त पैसों के पुजारियों का क्या होगा जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं इसलिए उन्हें ऊपर वाले का खौफ रखते हुए पूरी ईमानदारी पूर्वक पीड़ितों की सेवा करनी चाहिए और शायद उसी वजह से बार-बार कहीं न कहीं चाहे महामारी हो या अन्य कोई भी बीमारी हो उसके रूप में ऊपर वाला अपना प्रकोप प्रकट कर उन्हें सुधरने का मौका देते आ रहा है इसके बावजूद इन हालातों में भी कमीशन खोरी करने से चिकित्सक बाज नहीं आ रहे डॉ० आर.के. शर्मा ध्यान दें|
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