पटाको के धमाके तो कुछ क्षण तक के लिए होते हैं। लेकिन कलम का धमाका शदियों शदियों तक रहता है। बाबा साहेब के बनाए संविधान की तरह… पत्रकार बंधु पटाको से नही … कलम से धमाका करे।।।
पटाको के धमाके तो कुछ क्षण तक के लिए होते हैं। लेकिन कलम का धमाका शदियों शदियों तक रहता है। बाबा साहेब के बनाए संविधान की तरह… पत्रकार बंधु पटाको से नही … कलम से धमाका करे।।।
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