December 12, 2024

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छत्तीसगढ़ लायंस

यूनियन के दबाव में रेलवे का खजाना दोनों हाथों से … लुटा रहा सीनियर डीपीओ

पाठकों को बताना चाहेंगे कि किसी भी विभाग का यूनियन या किसी भी संगठन का मुख्य उद्देश्य होता है। निचले स्तर के कर्मचारियों के हितों की रक्षा सहित समय-समय पर पीड़ित कर्मचारियों की आवाज बन उनकी मांगों को कम्पनी या सरकार के समक्ष रख कर पूरा कराना लेकिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मनेद्रगढ़ में एक ऐसा यूनियन संचालित है।जो सुर्खियों में बना हुआ है। उक्त विषय में सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उक्त यूनियन के कुछ भ्रष्ट तथाकथित पदाधिकारियों द्वारा अपनी निज स्वार्थ पूर्ति के लिए विपरीत कार्य करते हुए रेलवे के उच्च अधिकारियों पर दबाव बना मनमाने तरीके से विधि -विपरीत कार्य करवाए जा रहे हैं । कारण कि उक्त पदाधिकारियों को कई तरह के नशे की लत जो लग गई है। जिसके चलते ही वे रेलवे बोर्ड के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए याने रेलवे बोर्ड नियमों का बलात्कार करते आ रहे हैं । जिसका जीता जागता स्वरूप मंडल चिकित्सा अधिकारी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मनेंद्रगढ़ के‌ अधीन यूनियन के रहमों करम पर दो बार ट्रांसफर होने के बावजूद करीब 7-8 वर्षों से एक ही जगह मनेंद्रगढ़ में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक हरि नारायण श्रीवास्तव जो अजगर की तरह कुंडली मार जमा हुआ था। कारण की उसके द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार को यूनियन द्वारा बार- बार दबवा दिया जाता रहा। लेकिन एक पुरानी कहावत है कि -पाप का घड़ा जब भरता है तो एक ना एक दिन वह फूटता जरूर है। और ठीक वैसा ही हुआ कारण की मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक कार्यालय मनेंद्रगढ़ का एक बड़ा ही आपत्तिजनक गाली -गलौज वाला वीडियो खूब वायरल हुआ उक्त वीडियो से रेलवे की छवि काफी धूमिल हुई थी। उक्त वजह से रेल प्रशासन द्वारा मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक कार्यालय को तत्काल बंद कराया जाकर सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी मंडल चिकित्सा अधिकारी मनेंद्रगढ़ को सौंप दी गई । साथ ही रेलवे की छवि धूमिल कराने वाले हरि नारायण श्रीवास्तव को मनेंद्रगढ़ से हटाये जाने पुनः ट्रांसफर कर दिया गया था। किंतु पहले की तरह यूनियन के कुछ तथाकथित भ्रष्ट पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार का भांडा फूटते ही आनन-फानन में उक्त हरि नारायण श्रीवास्तव को मनेंद्रगढ़ में ही रखे जाने अपने यूनियन में सदस्य बनाकर फिर से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बिलासपुर के ऊपर बड़ा दबाव बना 4600/रूपये ग्रेड -पे. वाले कर्मचारी हरि नारायण श्रीवास्तव को सी.एस .एम बिजुरी के अधीन खाली बैठा कर मुफ्त का प्रतिमाह करीब 70 से 80 हजार रुपए वेतन भुगतान करा रेलवे राजस्व को चुना लगवाते आ रहे।वह सब पांडु हिजड़े की तरह मुंह फाड़ सीनियर डीपीओ यूनियन के आगे घुटने टेक देखते हुए रेल्वे के खजाने को लुटवाते आ रहा ऐसा आरोप लगाया जा रहा है।जबकि गौर करने वाली बात है कि नियमानुसार 4600/रु. ग्रेड- पे. वाले कर्मचारी को जहां पर उसकी आवश्यकता है । मनेन्द्रगढ से कम से कम 200‌ किलो मीटर की दूरी पर ट्रांसफर कर देना चाहिए था । लेकिन यूनियन के भ्रष्ट तथाकथित अधिकारियों के दबाव में आकर विधि -विपरीत हरि नारायण श्रीवास्तव को सी.एस.एम बिजुरी के अधीन सारा दिन बैठा रख कर मुफ्त का करीब 70 से 80 हजार रुपए वेतन भुगतान करना कहां तक उचित है । जबकि रेलवे के उच्च अधिकारियों को रेलवे बोर्ड नियमों के अनुसार मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक जैसे पद के कर्मचारी का ट्रांसफर उसके पदस्थ स्थान से 200 किलो मीटर की दूरी पर करने के बजाय यूनियन के दबाव में आकर विधि- विपरीत मनेन्द्रगढ से नजदीक केवल 16 किलो मीटर की दुरी सीएसएम बिजुरी के अधीन किया गया जबकि बिजुरी स्टेशन में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक का पोस्ट ही नहीं है।वहीं इस तरह यूनियन द्वारा कराए जा रहे ।भ्रष्टाचार के खिलाफ मर्दानगी का परिचय देते हुए अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति संगठन मनेंद्रगढ़ के शाखा सचिव के द्वारा अपनी आवाज बुलंद कर संबंधित अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर उक्त प्रकरण से अवगत कराया गया जिसका खुलासा करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर ने बताया कि यूनियन के दबाव में आकर हरि नारायण श्रीवास्तव को सीएसएम बिजुरी के अधीन रखवाया गया है ।अगर डीआरएम और महाप्रबंधक सहित सीएमडी में है‌ ।दम तो मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक हरि नारायण श्रीवास्तव को मुफ्त का 70 से 80 हजार रुपए वेतन भुगतान करा रेलवे राजस्व को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले यूनियन के तथाकथित भ्रष्ट पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए।हरि नारायण श्रीवास्तव का मनेन्द्रगढ से 200 किलो मीटर की दूरी पर ट्रांसफर करके अपनी -अपनी मर्दानगी का परिचय दे। अन्यथा हिजड़े की तरह झुन- झुना बजाते हुए। रेल्वे के खजाने को लुटवाते रहे
जैसे-सीनियर डीपीओ लुटवाते आ रहा है जो चर्चा का विषय बना हुआ है ।इस तरह की बातें कर्मचारियों के बीच में हो रही है।

रेल मंत्री भारत सरकार ध्यान दें।

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