March 22, 2025

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चेंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले… अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए कलेक्टर एमसीबी से की शिकायत

यीशै दास संभाग प्रतिनिधि (सरगुजा) की खास रिपोर्ट

हम आपको बता दें कि बीते दिवस एक बड़ा ही सनसनीखेज मामला मिडिया के प्रकाश में आया है।जहां चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष -पंकज जैन के द्वारा घुटरीटोला मंडी बैरियर उप निरीक्षक सहित लेखापाल के विरुद्ध व्यापारीयों से अवैध वसूली किये जाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर एमसीबी से मुलाकात कर कार्यवाही की मांग की गई है।उक्त संबंध में चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जैन के द्वारा मिडिया से रूबरू हो जानकारी सांझा कर बताया कि -हमारे व्यापारी पिछले 2-3 महिनें से इस बात को लेकर काफी परेशान हैं।कि घुटरीटोला मंडी बैरियर पर उनको परेशान किया जा रहा है।उनकी गाड़ियों को परेशान किया जा रहा है।इसी संबंध पर हमने व्यापारीयों के शिकायत के उपर में कृषि उपज मंडी जाकर जो सचिव है ।उनसे अपनी शिकायत दर्ज की थी और उनसे इस तरह के वसूली करने का कागजात/ दस्तावेज/ आदेश की कापी मांगी थी ।उनका जवाब बड़ा गोल मटोल था।और किसी तरह का वो संतुष्ट जनक जवाब नहीं दे पाये वहां पर उनके लेखापाल रामपाल मिश्रा जी भी थे।उनसे संतुष्ट नहीं होने के कारण हमने कलेक्टर एमसीबी को अपनी शिकायत दर्ज कराई और उन्होंने इस पर आवश्यक कार्यवाही के लिए आश्वस्त किया मांग पुरी नहीं होने व आगामी रूप रेखा संबंध पर कहा -देखिए हमारा मेंन मांग जो है।वह यह है कि बैरियर से व्यापारीयों का आवागमन आराम से हो ,वह जांच करें लेकिन जबरदस्ती गाड़ियों को रोका न जाये वहां 2-3 घंटे गाडियां खड़ी रहती है।इसके बाद वो बोलते हैं।कि मनेंद्रगढ़ का व्यापारी 10 किलो.मीटर घुटरीटोला जा करके वहां मंडी रसीद कटाएं अंबिकापुर का व्यापारी वहां जाके मंडी का रसीद कटाएं यह किसी भी तरह से कोई लोजिकल बात नहीं होती ।हमारा कहना यह था कि अगर आपको लगता है।तो आप जांच किजिए कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन आप स्टमप लगाइये उसपे और उसके बाद में मंडी रसीद जो काटने के लिए आप व्यापारी के शाप पर जाइये और जैसा मंडी एक्ट में नियम भी है।इस चीज का और आप वहां मंडी वसूल किजिए इस चीज का लेकिन वो वहीं पर वसूली करना चाह रहे हैं। इसलिए हमारा विरोध है।और यह सिस्टम को उन्होंने नहीं सुधारा तो हम बिल्कुल इस बारे में आगे और भी कार्यवाही करेंगे और मंत्रालय लेबल तक इसके लिए बात करेंगे ।आगे इसी तारतम्य में श्री जैन ने बताया कि – अब वो मंडी जो है व अनाज और खड़े अनाजों पर लगती है।और इस बैरियर पर जो है कपड़े के बिल्टीयो पे मंडी की सील लगा दी जाती है।और पेपर के बिल्टीयो पे मंडी की सील लगा दी जाती है। सिर्फ गाड़ियों और ड्रायवरो और दुकानदारों को दहशत में लाने के लिए यह सब काम किए जाते हैं । उन बिल्टीयो की कॉपी भी जैन साहब के द्वारा मीडिया को उपलब्ध करा दी गई है। जब उक्त विषय पर मीडिया द्वारा मंडी नाका घुटरीटोला का निरीक्षण किया गया तो मौके पर उपस्थित मंडी उप निरीक्षक मौजूद पाए गए जिनसे चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा लगाए गए आरोप संबंध में जानकारी लिया गया जिस संदर्भ में कृषि उपज मंडी उप निरीक्षक का कहना यह था कि -यह एकदम सरासर झूठ आरोप है। यहां कोई अवैध वसूली नहीं होता है। और जो भी गाड़ी जाता है। पिकप या बड़ा उसको चेक किया जाता है। हमारा फर्ज है जिसके लिए ड्यूटी लगाया गया है। और जो खनिज पाई जाती है । उसमें नियम के तहत मंडी वसूल किया जाता है। महुआ है,वो आता है उसकी रसीद काटा जाता है। बाकायदा जितना भी क्विंटल होता है। बहुत लोग पुर्जी टाइप का लाते हैं। उसमें कोई अता-पता नहीं होता है। उसका भी हम लोग रसीद काटते हैं।


वही जब संबंधित लेखापाल- रामपाल मिश्रा जी से मीडिया द्वारा उनके कार्यालय में जाकर संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि -पहली बात तो मैं यहां का लेखापाल हूं, कोई सचिव, अधिकारी नहीं हूं नाका जो लगा है। वहां पर वह शासकीय स्वीकृति से लगा है । मुख्यालय का आदेश है कर्मचारी का आदेश व्यवस्थालय के आदेश पर वहां बैठे हुए हैं। जो काम करते हैं। सचिव का नियंत्रण रहता है । वहां पर जो वैध कार्यवाही होती होगी तो उसे बारे में वहां पर जो बैरियर में ड्यूटी करते हैं। वही बता पाएंगे मैं कार्यालय कर्मचारी हूं कार्यालय तक सीमित रहता हूं। आगे इसी क्रम में मीडिया द्वारा जब मिश्रा जी से यह भी सवाल किया गया कि आपके उप निरीक्षक कहीं और पदस्थ हैं ।और उनकी स्थापना कहीं और है। के सवालों का जवाब देते हुए मिश्रा जी द्वारा कहा गया कि संशोधन आदेश कॉफी मीडिया को दिया गया है । और कहा की उनकी नियुक्ति शुरू से यही है। और आज भी यही है । आरोप संबंध में कहा कि मैं क्या भ्रष्टाचार करूंगा, वसूली करूंगा मैं तो कार्यालय तक सीमित हूं। न नाका जाता हूं ।न फील्ड जाता हूं उनके द्वारा लगाया गया आरोप टोटल झूठ है। लेकिन इन सब बातों से परे लगाए गए आरोप -प्रत्यारोप कितनी हद तक सही हैं। यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा