December 12, 2024

Chhattisgarh Lions

छत्तीसगढ़ लायंस

लंबी प्रक्रिया के चलते मानसिक रोगियों का नहीं हो पा रहा उपचार… परिजन हो रहे परेशान…

प्रधान संपादक की कलम से ✍✍

हम आपको बता दें कि इन दिनों मनेन्द्रगढ़ नगर में मानसिक रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है जो समाज के लिए भी अच्छा प्रतीत नहीं हो रहा, जबकि ऐसे मानसिक रोगियों के उपचार के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बिलासपुर जिला अंतर्गत सेंदरी नामक हॉस्पिटल तो बनवा दिया गया है लेकिन लंबी प्रक्रिया के चलते उक्त मानसिक रोगियों को वहां उपचार का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा उक्त संबंध में मानसिक रोगियों के परिजनों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सर्वप्रथम मानसिक रोगी को मनेन्द्रगढ़ न्यायालय में पेश करने के बाद थाना मनेन्द्रगढ़ के सहयोग से जिला न्यायालय बैकुंठपुर में पेश किया जाता हैं जहां घंटों तक न्यायालीन प्रक्रिया के पश्चात अंतिम बार मेडिकल बोर्ड कोरिया के पास ले जाया जाता हैं वहां भी दो-तीन घंटे का चिकित्सीय जांच किए जाने के बाद ही तब जा कर उक्त मानसिक रोगी को उपचार हेतु सेंदरी रेफर किया जाता है तथा उक्त प्रक्रिया के दौरान मानसिक रोगियों के परिजनों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है उन्हें काफी दिक्कतें होती है उक्त वजह से ही मानसिक रोगियों के परिजन शासन प्रशासन को कोसते हुए तंग आकर उक्त मानसिक रोगियों को खुला ही छोड़ कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं जो लोगों के लिए सरदर्द बना हुआ है कारण कि उक्त मानसिक रोगी नगर के चौक चौराहों गली-कूचो में अजीब-अजीब वेशभूषा बनाए घूमते फिरते नजर आते हैं जो कई तरह के हरकतें भी करते हुए होटलों और किराना दुकानों सहित चाय-पान की दुकानों के पास खड़ी मोटरसाइकिलो में लगी डिक्की की ताक-झांक करते हुए चोरी की कोशिश  करते हुए गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं| इस तरह उक्त मानसिक रोगियों की हरकतों से लोग काफी परेशान हो चुके हैं तथा उक्त जटिल समस्या के निदान हेतु शासन-प्रशासन को उक्त और ध्यान देते हुए उक्त लंबी प्रक्रिया को कम एवं आसान करने उक्त मानसिक रोगियों को स्थानीय बीएमओ से जांच पश्चात सीधे सेंदरी रेफर कराने नगर पालिका अध्यक्ष सहित वार्ड पार्षदों की कमेटी का गठन करना नितांत आवश्यक है कारण कि वार्ड पार्षद ही ऐसे हैं जो अपने-अपने वार्डो के प्रत्येक समस्या से वाकिब होते हैं जिससे मानसिक रोगियों का उपचार कराने में उनके परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना नहीं पड़ेगा और मानसिक रोगियों की हरकतों से लोगों को राहत भी मिलेगी अगर समय रहते शासन-प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान दिया जाता तो शायद इस तरह कोई मानसिक रोगी चौक-चौराहों, बाजार-हाट  गली-कुचो में घूमता हुआ लोगो के लिए सिरदर्द नहीं बनता ऐसा लोगो का कहना हैं

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