
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी अनुसार इन दिनों एमटा – रेंमटा हर किसी ऐरे गैरे नशेड़ीयो को भी पत्रकारिता का चस्का लग गया है जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ याने मीडिया की अहमियत को नहीं जानते और न ही उन्हें अच्छी तरह लेख करना आता है उक्त तत्वों ने अपने नशे की जरूरतों को पूरा करने पत्रकारिता को धंधा बना रखा है कारण की नशे की पूर्ति कैसे हो उक्त चिंता के चलते उक्त तत्व अपने को बड़ा पत्रकार बता कुछ विभागों में अपना धोस जमाते हुए प्रतिमाह रेड लेबल जैसे ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की मांग कर उक्त विभागों को परेशान करने से बाज नहीं आ रहे ऐसा बताया जा रहा है वही डिमांड पूरी नहीं होने पर उक्त तत्वों के द्वारा संबंधित विभाग सहित शासन को भी बदनाम करने की नीयत से शासकीय अंग्रेजी शराब मे मिलावट कर बिक्री कराने जैसे गंभीर आरोप लगा उन्हें टारगेट बना बार बार अपने न्यूज़ के माध्यम से समाचार प्रकाशित करा संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है गौर करने वाली बात है कि अगर किसी अखड़ शराब प्रेमी जो शराब का आदी हो यदि उसने किसी शासकीय अंग्रेजी शराब की दुकान से मिलावटी शराब खरीदा हो तो शासन के विरुद्ध जिला उपभोक्ता फोरम में उसे क्लेम करना चाहिए लेकिन आज तक ऐसे मामले मे किसी भी शराब प्रेमी के द्वारा उपभोक्ता फोरम में क्लेम नहीं किया गया जिससे साफ जाहिर होता है कि वास्तव मे रेड लेबल ब्रांडेड अंग्रेजी शराब न मिलने के कारण से ही झल्लाते हुए इस तरह आबकारी विभाग पर बेबुनियाद आरोप लगा उसे बदनाम करने कोशिश की जा रही है
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