हम आपको बता दें कि अन्य समाजों की तुलना में मसीही लोग बहुत कम त्यौहार मनाते कारण कि मसीहियो के दो ही त्यौहार हैं पहला क्रिसमस और दूसरा ईस्टर जिसमें पहला त्यौहार मसीह यीशु के जन्म का तो दूसरा उसकी मृत्यु और जी उठने तथा स्वर्ग से फिर वापस आने के संदेश के उपलक्ष में उक्त दो त्यौहार खास तौर पर मनाये जाते हैं जिसमे क्रिसमस प्रेम का संदेश देने वाला त्यौहार है । जिसका वर्णन हमें पवित्र शास्त्र बाइबल के युहन्ना नामक पुस्तक के अध्याय 3:16 में लिखा पाया जाता है।कि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना पहिलौठा पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करें वह नाश न हो परंतु अनंत जीवन पाए प्रभु यीशु मसीह ने संपूर्ण मानव जाति के पापों के प्रायश्चित के लिए अपने जीवन को बलिदान के रूप में क्रूस पर चढ़ा दिया यह ईश्वर के आसीम प्रेम का प्रदर्शन था। क्योंकि परमेश्वर प्रेम है । प्रेम जो ईश्वर का इसमें कोई भेदभाव नहीं , अर्थात परमेश्वर का प्रेम विश्व के सभी जाति जनजाति और प्रजाति राष्ट्र व समुदायों के प्रत्येक स्त्री और पुरुषों के लिए है । उक्त प्रेम का वर्णन करते हुए संत पौलुस लिखते हैं कि प्रेम धीरज वन्त, कृपालु है, प्रेम डाह नहीं करता, प्रेम अपनी भलाई नहीं चाहता है। और फुलता नहीं वह अपनी बड़ाई भी नहीं चाहता वह झुंझलाता नहीं अतः बुरा नहीं मानता, वह सब बातें सह लेता है । सब बातों की प्रतिति करता है। सब बातो की आशा रखता है। प्रेम कभी भी टलता नहीं जिसका पवित्र शास्त्र बाइबल के पहला कुरथियों के अध्याय 13 में वर्णन है समाज के हर वर्ग के लोगों में यीशु मसीह के इस प्रेम के संदेश को अपने चरित्र में उतारना चाहिए ताकि हमारा जीवन स्वस्थ और समाज में प्रेम का निस्वार्थ भाव पैदा हो और हम मानव परमेश्वर के प्रेम में सदा पवित्र बने रहें ।तथा प्रेम की प्रतिज्ञा करते हुए हम प्रियजनों के साथ बने रहें मसीह यीशु के जन्म लेने का मुख्य उद्देश्य यह था कि भटकी हुई मानवता को एक सूत्र में बांधना तथा उनको उनके पापों से छुटकारा दिलाना एव मनुष्य को पुनः अपने पिता परमेश्वर से मिलाना निश्चित रूप से प्रभु यीशु मसीह का जन्म लेना एवं अनेको चिन्ह चमत्कारों के द्वारा उन्होंने अपने आप को परमेश्वर के पुत्र होने का प्रमाण दिया और अपने प्रेम संदेश तथा जीवन आचरण से उन्होंने साबित भी किया कि वह परमेश्वर की ओर से भेजे गए थे ।ताकि अपनी मृत्यु के द्वारा मनुष्य के पापों का प्रायश्चित कर निसंदेह
उसने हमारे पापों को अपने ऊपर उठा लिया और अपने जीवन को हमारे लिए कुर्बान कर दिया ताकि अब जो कोई उसकी मृत्यु के बलिदान पर विश्वास करता है वह अपने पापों से छुटकारा पाता है वही पवित्र शास्त्र बाइबल के इफिशियो नामक पुस्तक के अध्याय 1:10. मे लिखा है कि उसके समयों के पुरे होने का ऐसा प्रबंध किया कि जो कुछ स्वर्ग में है और जो कुछ पृथ्वी पर है सब कुछ वह मसीह में एकत्र करें याने कि कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा और ना ही कोई स्वर्ग से उतरा क्योंकि यीशु ने ये बात कही केवल एकलौता पुत्र जो स्वर्ग से उतरा फिर मर के जी उठा और स्वर्ग में चला गया फिर अपने संतों को लेने के लिए वह पृथ्वी पर वापस आएगा जी हां यीशु मसीह में कोई भी पाप नहीं था वह माता मरियम जो कुंवारी थी वह पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भवती हुई और यीशु को उसने जन्म दिया निसंदेह यीशु का जन्म ही निष्पाप था यीशु मसीह,आज ,कल ,और युगानुयुग एक सा है ।जिस विषय में युहन्ना संत ने कहा देखो ये परमेश्वर का मेमना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है निश्चय ही मानव जाति के पाप का छुटकारा बिना लहू बहाए नहीं होता था जिस कारण से लोग पहले पशु का बलिदान करते रहे हैं परंतु यीशु ने अपने आपको पापों का बलिदान बना कर एक मेमने के समान कुर्बान कर दिया अब उसके लहु के द्वारा हम सबो का उद्धार होता है। उक्त बात पवित्र शास्त्र बाइबल के पुस्तक याशयाह अध्याय 53:11,12 में लिखा है उसने बहुतों के पापों को उठा लिया और अपराधियों के लिए विनती करता है कि एक कुंवारी गर्भवती होगी, और एक पुत्र जनेगी उसका नाम इम्मानुएल रखा जायेगा जिसका यह अर्थ है कि परमेश्वर हमारे साथ है उक्त वचन बाइबल के यूहन्ना नामक पुस्तक के अध्याय 1:14 में लिखा है कि वचन देहधारी हुआ युहन्ना 1:1 आदि में वचन था (यीशु )था और वचन परमेश्वर के साथ था अब यही वचन देहधारी बनके हमारे मध्य में अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया याने कि मनुष्य के बीच में परमेश्वर का डेरा है।वह यीशु मसीह के माध्यम से पुरा हुआ है न दिखाई देने वाला परमेश्वर अब यीशु के द्वारा दिखाई देने लगा प्रभु येशु ने कहा मार्ग सत्य और जीवन मैं ही हूं जो मुझ पर विश्वास करेगा वह अनंत काल तक न मरेगा अतः प्रिय भाइयों बहनों क्रिसमस का संदेश यही है कि यीशु मसीह हम सबों को पापों से बचाने मानव तन धारण करके आया था अब हम पापों और गुनाहों से तौबा करके अपने जीवन से पश्चाताप और मन फिरा कर प्रभु यीशु मसीह के महान प्यार का अनुकरण करें क्योंकि उनका जीवन ही परमेश्वर का संदेश था आईये हम अपने मन को परम पिता परमेश्वर की ओर लगाये, प्रभु येशु मसीह इस नये वर्ष में आप सभो को असिमित अनुग्रह आशीषे और बरकतें प्रदान करें यही मेरी प्रार्थना है ।इस प्रकार क्रिसमस के विषय में पास्टर -शिवदीन महिदीया ने संदेश देकर बड़े अच्छे तरीके से बताया
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