February 16, 2025

Chhattisgarh Lions

छत्तीसगढ़ लायंस

प्लेसमेंट कर्मचारी 3 दिवस धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन दें हुए काम पर वापस …

आज देखा जाए तो नगरी निकायों में काम करने वाले चाहे कार्यालय के बाबू, चपरासी, सफाई कर्मचारी, सभी शासन के नीतियों से पीड़ित होकर तरह-तरह की यातनाएं सहन करते आ रहे हैं । लेकिन उनकी समस्याओं का निदान कराने नगरीय प्रशासन मंत्री, विधायक, एमएलए तो दूर सरकार भी ध्यान नहीं दे रही जिसका परिणाम आज प्लेसमेंट कर्मचारियों के तीन दिवस धरना प्रदर्शन के रूप में साफ साफ नजर आ रहा है ।कारण कि वे अपनी गुहार लगा लगाकर इतने प्रताड़ित हो चुके थे। कि उक्त कर्मचारियों के पास धरना प्रदर्शन , हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा जिस तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आज तीसरे दिवस नवीन जिला नगरी निकाय मनेंद्रगढ़ के प्लेसमेंट कर्मचारी सड़क पर उतर धरना देते नजर आए उनकी मुख्य मांगे ये थी कि सरकार उक्त प्लेसमेंट कर्मचारियों को नियमित करें और दैनिक वेतन भत्ते में बहाल किया जाए और साथ ही नियत समय पर उन्हें वेतन भुगतान भी किया जाए जिससे उक्त कर्मचारियो को लोगों से कर्ज लेकर ग्रहस्थ चलाना न पड़े और उनका शोषण न किया जाए जो वर्षों से करते आ रहे हैं। वही खतरों के बीच रहकर गंदगी दुर्गंध भरे वातावरण में दुनिया के आखिरी स्तर का काम करते हुए मनेंद्रगढ़ निकाय के कई सफाई कर्मचारी काल की कोख में समा गये उक्त सफाई कर्मचारियों में से चंदाबाई के आश्रित बेरोजगार पुत्र विनोद मलिक और दिलीप कुमार के पुत्र दीप मलिक के अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण वर्षो से लंबित पड़ा है । जिस संबंध में पी.बी .काशी संयुक्त संचालक संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास छत्तीसगढ़ रायपुर के द्वारा आरटीआई के तहत जानकारी देकर बताया कि उक्त प्रकरण वर्ष 2020 से प्रक्रियाधीन है। जिस पर आज पर्यंत तक बहाल नहीं किया जा रहा इससे साफ जाहिर होता है कहीं न कहीं जातिवाद के चलते शायद उक्त विनोद मलिक, और दीप मलिक को अनुकंपा नियुक्ति न देकर उक्त दोनों बेरोजगारों को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर उनकी मौत का इंतजार कर रही सरकार जबकि एमसीबी जिला बनने के पूर्व भूपेश सरकार ने यह भी फरमान किया था कि थर्ड जेंडर को भी अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी लेकिन इस मनेंद्रगढ़ निकाय में तो फर्स्ट जेंडर को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही जबकि उक्त प्रकरण को सालों से लंबित रखें जाने से ऐसा प्रतीत होता है कि कुंभकर्णी नींद में सो रही सरकार