
हम आपको बता दें कि इन दिनों कुछ क्षेत्रों की पुलिस सत्यता के तह तक जाना अपनी जिम्मेदारी न समझते हुए किसी भी भ्रष्ट नेता के फोन की घंटी बजते ही उनके दबाव में आकर सारे नियमों कानूनों को भूल कर उनकी बातों में आकर उनके बताए अनुसार एक तरफा कार्यवाही कर कभी-कभी खुद अपने ही जाल में फंस जाती है जिसका जीता जागता प्रमाण मध्य प्रदेश के सीधी कोतवाली थाना क्षेत्र का मामला प्रकाश में आया है जिस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला से संबंधित खबर प्रकाशित करने वाले दबंग पत्रकार कनिष्क तिवारी सहित उनके साथियों को विधायक के दबाव में आकर उक्त देश के चौथे स्तंभ पर अभद्र बर्ताव करते हुए उन्हें गिरफ्तार करने वाले कोतवाली थाना प्रभारी मनोज सोनी और अमलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह को निलंबित करा दिया गया है जो अपने किए पर अब पछता रहे हैं उक्त मामले के विषय में सूत्र बताते हैं जो इस प्रकार है कारण की दबंग पत्रकार कनिष्क तिवारी के द्वारा बीजेपी विधायक द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को समाचार के माध्यम से उजागर कर दिया गया था उक्त वजह से ही विधायक द्वारा पुलिस पर दबाव बना उक्त दबंग पत्रकार कनिष्क तिवारी सहित उसके साथियों को गिरफ्तार करवा कर थाने में उनके कपड़े उतरवा उन्हें अर्धनग्न करा उनके मौलिक अधिकारों का हनन कर पुलिस द्वारा अभद्र बर्ताव किए जाने की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल होते ही उक्त प्रकरण की भनक लगते तत्काल मध्यप्रदेश भोपाल क्षेत्रवासियों के चहेते मामा के नाम से चर्चित मान. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्शन लेते हुए तत्काल भोपाल पुलिस मुख्यालय के जिम्मेदारों से पत्रकारों संग घटित घटना के संबंध में स्पष्टीकरण की मांग करते हुए शासन की ओर से उक्त दोषी पुलिस कर्मियों द्वारा इस तरह पत्रकारों से अभद्र बर्ताव करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए इस तरह शर्मनाक घटना को अंजाम देने वाले जिम्मेदार कोतवाली थाना प्रभारी मनोज सोनी सहित अमलिया थाना प्रभारी उप निरीक्षक अभिषेक सिंह को एसपी मुकेश श्रीवास्तव ने निलंबित कर दिया है वही एसपी मुकेश श्रीवास्तव को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है तथा उक्त मामले पर ट्वीट करते हुए रीवा रेंज आईजी ने सीधी थाना क्षेत्र का एक फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसे गंभीरतापूर्वक लेते हुए सिटी कोतवाली थाना प्रभारी सहित उप निरीक्षक को तत्काल हटा कर उक्त प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से कराने के निर्देश दिए गए है इस तरह की कार्यवाही से पुलिस महकमो में बड़ा हड़कंप मचा हुआ है इस तरह के मामलों को देख कर छत्तीसगढ़ पुलिस को सबक लेने का वक्त आ गया है जो नेताओं की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर पत्रकारों सहित निर्दोष लोगों पर भी अकारण का मामला बना देते हैं जबकि नेताओं के दबाव में आकर नहीं अपनी वर्दी के आन बान को ध्यान में रखते हुए संविधान के मुताबिक पूरी तरह सत्यता की तह तक जाकर जांच करने के पश्चात ही मामला दर्ज करना चाहिए न की नेताओं के आदेश पर
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